
देश की शान: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने फिर दिखाया भारतीय सेना का पराक्रम
बेला के जुड़वां वीर फौजियों ने कहा— ‘सेना सिर्फ ताकत नहीं, भरोसे का प्रतीक है’
क्राइम रिपोर्टर | तिरहूत न्यूज़, मुजफ्फरपुर
6 मई की रात भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमला कर एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत अब केवल सहता नहीं, बल्कि माकूल जवाब भी देता है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।
मुजफ्फरपुर के जुड़वां फौजी भाइयों को फिर से किया गया याद
इस साहसिक सैन्य कार्रवाई की खबर मिलते ही मुजफ्फरपुर के बेला मोहल्ले के जुड़वां भाइयों— रामेश्वर सिंह और भरत प्रसाद सिंह की बहादुरी की चर्चा फिर से शुरू हो गई। दोनों ने सेना में रहते हुए देश की रक्षा में अहम भूमिका निभाई थी।
• रामेश्वर सिंह, जो पैरा कमांडो यूनिट ‘5 पैरा स्पेशल फोर्स’ में थे, 1997 में मात्र 19 वर्ष की उम्र में सेना में भर्ती हुए।
• उन्होंने कारगिल युद्ध के ऑपरेशन विजय में हिस्सा लिया, जहां मश्कोह घाटी में पैराशूट से उतरकर 72 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर जंग लड़ी और आखिरी पोस्ट को दुश्मन से आज़ाद कराया।
• वे 26/11 मुंबई हमले के दौरान ब्लैक कैट कमांडो ऑपरेशन का भी हिस्सा रहे।
• भरत प्रसाद सिंह, जो ‘द गार्ड्स’ रेजिमेंट में तैनात थे, कारगिल युद्ध के समय एक IED ब्लास्ट में घायल हो गए थे। इसके बावजूद उनका हौसला नहीं टूटा।
दोनों भाई आज भी गर्व से कहते हैं, “देश के लिए कुछ करने का सपना देखा था, उसे जिया भी और निभाया भी।”
“ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, राष्ट्रीय संकल्प है” – रामेश्वर सिंह
रामेश्वर सिंह ने तिरहूत न्यूज़ से खास बातचीत में कहा:
“ऑपरेशन सिंदूर ने फिर साबित कर दिया कि भारत अब चुप नहीं बैठता। आतंकियों के ठिकानों को खत्म करना केवल सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प है। देशभक्ति केवल भावना नहीं, एक जिम्मेदारी है।”
फर्क आया है तकनीक में, पर जज़्बा वही है – भरत प्रसाद सिंह
भरत सिंह बोले:
“इस ऑपरेशन ने हमें फिर से वो दिन याद दिला दिए, जब हम घायल होकर भी मोर्चे पर डटे थे। तकनीक बदली है, लेकिन जवानों का जज़्बा और समर्पण आज भी वैसा ही है। हमें गर्व है कि हम उस परंपरा का हिस्सा रहे हैं, जिसने भारतीय सेना को दुनिया में भरोसे का प्रतीक बनाया।”
विशेष संदेश:
भारतीय सेना की हर कार्रवाई हमें याद दिलाती है कि यह केवल एक रक्षा संस्था नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा है। ऑपरेशन सिंदूर हो या कारगिल युद्ध, हमारे जवानों की वीरगाथाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं।