
रिपोर्ट: पंकज श्रीवास्तव, छपरा
छपरा। भारत-पाक सीमा के आरएस पुरा सेक्टर में वीरगति को प्राप्त हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर जैसे ही सारण जिले के गरखा प्रखंड के नारायणपुर गांव पहुंचा, हर आंख नम हो उठी। तिरंगे में लिपटा शव जब सेना के ट्रक से ‘सीमा प्रहरी निवास’ पहुंचा, तो गांव की गलियों में ‘भारत माता की जय’ और ‘शहीद इम्तियाज अमर रहें’ के नारों से आसमान गूंज उठा।
शहीद के अंतिम दर्शन को हजारों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। परिजनों के क्रंदन और गांव में पसरे मातमी सन्नाटे ने माहौल को और भावुक बना दिया। जैसे ही शहादत की खबर गांव में फैली, लोग झुंड बनाकर ‘अपने बेटे’ की अंतिम झलक पाने को नारायणपुर पहुंचने लगे।
गांव में गम, लेकिन सीने में आक्रोश
हर चेहरा दुख में डूबा था, लेकिन दिलों में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश भी दिखा। भीड़ में कई जगह ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगे। मोहम्मद इम्तियाज बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्रियाँ और दो पुत्र हैं। उनके घर का नाम ही “सीमा प्रहरी निवास” है—जिसे अब शहादत का प्रतीक माना जा रहा है।
तीन भाइयों में इम्तियाज सबसे छोटे थे, और तीनों का जुड़ाव सेना से रहा है। वे 35 वर्षों से बीएसएफ में सेवाएं दे रहे थे और देशभर के विभिन्न सीमावर्ती इलाकों में तैनात रहे।
राज्यपाल और नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका शव पटना लाया गया, जहां पटना एयरपोर्ट पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, मंत्री नितिन नवीन, अमनौर विधायक मंटू सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
प्रशासनिक व्यवस्था और जनसैलाब
शहीद इम्तियाज के अंतिम दर्शन के लिए सुबह से ही नारायणपुर गांव में जिला प्रशासन सतर्क रहा। सारण डीएम अमन समीर, एसपी डॉ. कुमार आशीष, ग्रामीण एसपी शिखर चौधरी, सीओ, बीडीओ और गड़खा थानाध्यक्ष पूरे दल-बल के साथ मौजूद रहे। सारण डीआईजी नीलेश कुमार ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए।