
मुजफ्फरपुर | तिरहूत न्यूज़ डेस्क
कांटी प्रखंड अंतर्गत बथनाहा श्मशान भूमि को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को स्थानीय ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अजीत कुमार के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मिला और उन्हें विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि उक्त श्मशान भूमि पर पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से चार पंचायतों के लोग मृतकों के अंतिम संस्कार हेतु उपयोग करते आ रहे हैं। बावजूद इसके, कांटी अंचल अधिकारी द्वारा बिना जन-सहमति के पंचायत भवन निर्माण हेतु एनओसी जारी कर दी गई, जिसके आधार पर संवेदक ने निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया। जब यह जानकारी ग्रामीणों को हुई तो उन्होंने विरोध दर्ज कराया, जिसके चलते संवेदक को काम बंद करना पड़ा और वापस लौटना पड़ा।
स्थानीयों की मांग व डीएम की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इलाके में श्मशान के लिए उक्त भूमि के अलावा कोई वैकल्पिक स्थान उपलब्ध नहीं है। उन्होंने मांग की कि जब तक वैकल्पिक जमीन उपलब्ध नहीं कराई जाती, तब तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य स्थगित रखा जाए।
जिलाधिकारी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से लेते हुए कहा कि भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अन्य सक्षम अधिकारियों को स्थल जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच उपरांत ग्रामीणों को वैकल्पिक श्मशान भूमि उपलब्ध कराने एवं पंचायत भवन निर्माण हेतु अलग स्थल चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
भूजल स्तर गिरावट पर भी जताई चिंता
इस मौके पर पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कांटी और मड़वन प्रखंडों में लगातार गिरते भूजल स्तर को लेकर भी चिंता जताई और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (PHED) को सक्रिय करने की मांग की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के गरीब परिवारों के चापाकल बंद हो चुके हैं, जिससे पीने के पानी का गम्भीर संकट उत्पन्न हो गया है। नदी-नालों के सूखने से पशु-पक्षियों की स्थिति भी दयनीय हो गई है।
जिलाधिकारी ने इस मामले पर भी त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिलाया और मौके पर कार्यपालक अभियंता (PHED), मोतीपुर को शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
प्रतिनिधिमंडल में ये लोग रहे शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में मुखिया इंद्र मोहन झा, पूर्व मुखिया परशुराम झा, शिवजी ओझा, अवधेश पंडित, मदन महतो, राजेश महतो, अखिलेश महतो, संजीत महतो, आनंदी साह, विपिन रजक, रोशन कुमार शाह, लालू महतो, रंजीत महतो, जगन्नाथ साह, जितेंद्र कुमार सहित कई प्रमुख ग्रामीण शामिल थे।