
मुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर जिले में ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण कार्य की शुरुआत की, 254 सड़कों का हुआ शिलान्यास
मुजफ्फरपुर, 12 मई | तिरहूत न्यूज़ डेस्क
बिहार सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी सुविधाओं से जोड़ने और सड़कों को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसी कड़ी में 12 मई को माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर जिले में ग्रामीण कार्य विभाग के तहत ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत 254 सड़कों के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
पूर्वी वन प्रमंडल
पूर्वी वन प्रमंडल के अंतर्गत कुल 130 पथों की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण किया जाएगा जिसकी कुल लंबाई 257.491 किमी है। इन पर 167.69 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मुख्यमंत्री द्वारा इन सड़कों का कार्यारंभ 12 मई को किया गया। संवेदकों को निर्देश दिया गया है कि मानसून पूर्व सभी पथों को गड्ढामुक्त कर दिया जाए।
जिला संचालन समिति द्वारा 3 पुलों की निविदा 9 मई तक आमंत्रित की गई थी, जिनका निष्पादन आगामी 10 दिनों के भीतर कर कार्य प्रारंभ कराया जाएगा।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क अवशेष योजना के तहत 19 पथों की स्वीकृति मिली है, जिनकी निविदा 19 मई से आमंत्रित की गई है।
पश्चिमी प्रमंडल
पश्चिमी प्रमंडल के अंतर्गत 48 पथों का निर्माण किया जाएगा, जिनकी कुल लंबाई 74.33 किमी और लागत 50.30 करोड़ रुपये है। इनका भी कार्यारंभ मुख्यमंत्री द्वारा 12 मई को किया गया।
यहाँ भी सभी पथों को वारिस से पहले गड्ढामुक्त करने का निर्देश संवेदकों को दिया गया है।
4 पुलों की निविदा प्रक्रिया 9 मई तक पूरी कर ली गई है और 10 दिनों के भीतर कार्य शुरू होगा।
अवशेष योजना के अंतर्गत 13 पथों की निविदा 19 मई से आमंत्रित की गई है।
पूर्वी टू प्रमंडल
पूर्वी टू प्रमंडल अंतर्गत 76 पथों की मरम्मत की जाएगी, जिनकी लंबाई 132.06 किमी और कुल लागत 84.48 करोड़ रुपये है।
यहाँ भी मुख्यमंत्री ने 12 मई को कार्यारंभ किया और संवेदकों को गड्ढामुक्त सड़क सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
5 पुलों की निविदा प्रक्रिया 9 मई तक आमंत्रित की गई थी और जल्द ही कार्य प्रारंभ होगा।
इस प्रमंडल में अवशेष योजना के अंतर्गत 9 पथों की निविदा 19 मई से शुरू की जा रही है।
जिला प्रशासन की सतत निगरानी में यह पूरी प्रक्रिया संचालित हो रही है। जिलाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि ग्रामीण सड़कों को प्रखंड एवं जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली यह परियोजना समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरी हो।