
ऑपरेशन सिंदूर के शहीद मोहम्मद इम्तियाज को अंतिम सलाम: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी 50 लाख की सहायता, बेटे को मिलेगी सरकारी नौकरी
छपरा (तिरहूत न्यूज़):
देश की रक्षा में प्राण न्योछावर करने वाले बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज की शहादत को बिहार कभी नहीं भूलेगा। जम्मू-कश्मीर में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शहीद हुए मोहम्मद इम्तियाज के पैतृक गांव नारायणपुर (छपरा) में सोमवार को गम और गर्व का अद्भुत दृश्य देखने को मिला।
मुख्यमंत्री पहुंचे शहीद के घर, दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद नारायणपुर पहुंचे और शहीद इम्तियाज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही उन्होंने परिजनों से मिलकर सांत्वना दी और 50 लाख रुपये की सहायता राशि सौंपी। इस अवसर पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं अन्य नेता भी मौजूद रहे।
बेटे को मिलेगी सरकारी नौकरी, गांव को मिलेगा शहीद का सम्मान
मंत्री जमा खान ने घोषणा की कि शहीद इम्तियाज के पुत्र को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही शहीद के नाम पर कई विकास कार्य भी किए जाएंगे:
• चिंतामनगंज पुल से रहमपुर बाजार तक का पथ अब “शहीद मोहम्मद इम्तियाज पथ” कहलाएगा।
• गांव के प्रवेश द्वार पर बनेगा भव्य “शहीद द्वार”
• स्वास्थ्य उपकेंद्र और स्मारक का भी होगा निर्माण।
मुख्यमंत्री राहत कोष से मिली सहायता
शहीद इम्तियाज के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 29 लाख रुपये और अन्य मद से 21 लाख रुपये, कुल 50 लाख रुपये की सम्मान राशि दी गई। इस दौरान ग्रामीणों ने “शहीद इम्तियाज ज़िंदाबाद” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगाए।
तेजस्वी यादव ने भी जताया शोक
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी नारायणपुर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की और श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ कई स्थानीय विधायक भी उपस्थित थे।
राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
शहीद इम्तियाज का पार्थिव शरीर जम्मू-कश्मीर से पटना लाया गया, जहाँ मंत्रियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद छपरा होते हुए उनके गांव लाया गया, जहाँ हजारों लोगों की उपस्थिति में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
शहीद मोहम्मद इम्तियाज को तिरहूत न्यूज़ की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।
उनकी बहादुरी, बलिदान और सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।