

बलूचिस्तान ने की आजादी की घोषणा: ‘हम पाकिस्तान नहीं हैं’, भारत से मांगा समर्थन
रिपोर्ट: तिरहूत न्यूज़ डेस्क | विशेष प्रस्तुति
मुजफ्फरपुर/क्वेटा | 14 मई 2025
“बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है” — ये शब्द बलूच नेता मीर यार बलूच ने आज़ादी की औपचारिक घोषणा के साथ कहे। वर्षों से पाकिस्तान के दमन, शोषण और अत्याचार का सामना कर रहे बलूच लोगों ने अब खुलेआम स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है। मीर यार बलूच ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह घोषणा करते हुए भारत और वैश्विक समुदाय से समर्थन की मांग की है।
बलूच नेता की घोषणा: अब चुप रहना अपराध है
मीर यार बलूच ने लिखा,
“बलूचिस्तान के लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है। बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है। अब दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि बलूच जनता सड़कों पर उतर चुकी है और एक स्वर में आज़ादी की मांग कर रही है।
उनका कहना है,
“तुम मारोगे हम टूटेंगे, हम नाक बचाएंगे – आओ हमारा साथ दो।”
पाकिस्तान पर गंभीर आरोप: जबरन गायबियां, हवाई बमबारी, नरसंहार
बलूच नेता ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सेना ने बलूचिस्तान में दशकों से अत्याचार किए हैं — जबरन गायब करना, हवाई बमबारी और नरसंहार जैसी क्रूर नीतियों के ज़रिए बलूचों को दबाया गया है।
उन्होंने विशेष रूप से भारतीयों से अपील की:
“हमें पाकिस्तानी मत कहिए। हम बलूचिस्तानी हैं। पाकिस्तानियों में हम शामिल नहीं हैं। पंजाबियों को कभी ऐसी यातनाएं नहीं झेलनी पड़ीं।”
भारत के पीओके स्टैंड को बलूचिस्तान का समर्थन
भारत द्वारा 14 मई 2025 को पाकिस्तान से पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) खाली करने की मांग का बलूचिस्तान ने समर्थन किया है। मीर यार बलूच ने लिखा,
“भारत का यह ऐतिहासिक फैसला सराहनीय है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब हस्तक्षेप करना चाहिए। यदि पाकिस्तान नहीं माना, तो उसके लालची जनरलों को ही युद्ध और रक्तपात के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।”
पाकिस्तान के पास नहीं है कानूनी आधार: मीर यार बलूच
बलूच नेता ने दावा किया कि पाकिस्तान कभी भी बलूचिस्तान के विलय से संबंधित कोई कानूनी दस्तावेज या अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षर प्रस्तुत नहीं कर सका है।
“27 मार्च 1948 को पाकिस्तान में बलूचिस्तान के शामिल होने का कोई वैध प्रमाण आज तक नहीं मिला है। यह जबरन कब्जा था।”
स्वतंत्र बलूचिस्तान का वादा: शांति, विकास और वैश्विक भागीदारी
मीर यार बलूच ने कहा कि बलूचिस्तान संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता लेकर वैश्विक शांति, आर्थिक मंदी, जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन जैसे मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने भारत के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक और आर्थिक संबंधों की भी इच्छा जताई।
यह विशेष रिपोर्ट तिरहूत न्यूज़ की अंतरराष्ट्रीय नज़र का हिस्सा है। बलूचिस्तान की आज़ादी की यह घोषणा दक्षिण एशिया की राजनीति को एक नया मोड़ दे सकती है।
रिपोर्ट संपादन: धीरज ठाकुर
डिजिटल सहयोग: टीम तिरहूत न्यूज़