

ऑपरेशन सिंदूर में मेड इन इंडिया हथियारों की ताकत दिखी, भारत की विदेश नीति में दिखी निर्णायक स्पष्टता
लेखक: प्रदीप कुमार नायक | स्वतंत्र लेखक एवं पत्रकार | तिरहूत न्यूज़
Tirhut News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी संवाद सिर्फ दो मुद्दों पर ही केंद्रित होगा— पाक अधिकृत कश्मीर (POK) और आतंकवाद। उनका यह बयान भारत की विदेश नीति में नए युग की शुरुआत को दर्शाता है, जहाँ बातचीत की पहल अब भारत की शर्तों पर होगी, न कि दबाव में।
मोदी का बयान और संदेश:
प्रधानमंत्री ने कहा —
“अगर पाकिस्तान से बात होगी तो POK पर होगी, और अगर बात होगी तो आतंकवाद पर ही होगी।”
यह बयान न सिर्फ देशवासियों के मन में आत्मविश्वास भरता है, बल्कि दुनिया को भी यह संदेश देता है कि भारत अब किसी भी प्रकार की अस्थिरता को सहन नहीं करेगा।
ऑपरेशन सिंदूर और मेड इन इंडिया रक्षा तकनीक:
हाल ही में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में देश में निर्मित आधुनिक हथियारों और उपकरणों का उपयोग किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा:
“आज दुनिया देख रही है कि 21वीं सदी के युद्ध में मेड इन इंडिया रक्षा उपकरणों का समय आ गया है।”
भारतीय सेना द्वारा जारी की गई तस्वीरों और वीडियो में स्वदेशी मिसाइल सिस्टम, ड्रोन तकनीक, और स्मार्ट गन सिस्टम की ताकत साफ दिखाई दी।
गृह मंत्री अमित शाह का समर्थन:
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री के रुख और सेना के साहस की सराहना की:
“राष्ट्र हमारे सशस्त्र बलों की अद्वितीय वीरता को सलाम करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बार-बार यह सिद्ध हुआ है कि भारत का कोई भी दुश्मन अब सुरक्षित नहीं है।”
भारत की नई नीति: बात कम, कार्रवाई ज्यादा
भारत अब सिर्फ वार्ता की मेज पर नहीं, बल्कि मजबूत कूटनीति और सैन्य शक्ति के दम पर अपनी बात रख रहा है।
• POK को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट है — वह भारत का अभिन्न हिस्सा है।
• आतंकवाद को लेकर भारत अब ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपना चुका है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रहा है, बल्कि निडर और निर्णायक शक्ति के रूप में भी उभर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर और उसमें प्रयोग हुई मेड इन इंडिया टेक्नोलॉजी भारत के बदलते सैन्य दर्शन का प्रतीक है। पाकिस्तान को भेजा गया यह संदेश न सिर्फ राजनयिक रूप से सशक्त है, बल्कि भारत की आंतरिक एकता और तकनीकी आत्मनिर्भरता का भी गवाह है।