
स्पेशल क्राइम स्टोरी | मीनापुर का मौन विद्रोह: खेत में मिली लाश और न्याय की गूंज
रिपोर्ट: धीरज ठाकुर, तिरहूत न्यूज़ | मुजफ्फरपुर | 17 मई 2025
गुरुवार शाम तक सोनू दास सिर्फ एक मेहनती मजदूर था—टेंट हाउस में काम करने वाला, आम-सी ज़िंदगी जीने वाला युवक। लेकिन शुक्रवार की सुबह वो एक क्राइम सीन बन गया। उसका शव मक्के के खेत में पड़ा मिला—बेजान, खामोश और सवालों से घिरा हुआ।
शुरुआत एक गुमशुदगी से…
गुरुवार को सोनू अचानक लापता हो गया। परिवार ने पहले यही सोचा—शायद देर से लौटेगा, मोबाइल स्विच ऑफ होगा, लेकिन जब रात गहराने लगी और उसका कुछ पता न चला, तो चिंता गहराती चली गई।
और फिर सुबह मिली लाश
सुबह होते ही खबर फैली—एक शव मिला है। पानापुर पेट्रोल पंप के पास मक्के के खेत में। पहचान होते ही परिजन घटनास्थल पर दौड़े—और चीखों का कोहराम मच गया। सोनू था। वही जिसकी आँखों में अभी कल तक ज़िंदगी पल रही थी।
हत्या या हादसा?
परिजनों का आरोप है कि यह सुनियोजित हत्या है। उनके मुताबिक सोनू की किसी से पुरानी दुश्मनी नहीं थी, फिर भी उसे निशाना बनाया गया। शक जताया जा रहा है कि हत्या कहीं और कर शव खेत में फेंक दिया गया।
सड़क जाम: गुस्से का विस्फोट
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने मुजफ्फरपुर-मोतिहारी NH-27 फोरलेन को जाम कर दिया। दो घंटे तक सड़क ठप रही। गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। हर चेहरा गुस्से और भय से भरा था—”क्या अब खेतों से लाशें मिलेंगी और पुलिस सिर्फ आश्वासन देती रहेगी?”
पुलिस की भूमिका: जांच या लीपा-पोती?
पानापुर ओपी की पुलिस मौके पर पहुँची। शव को कब्जे में लिया गया। जाम हटवाने के लिए समझाने की कोशिशें की गईं। लेकिन स्थानीय लोगों का विश्वास पुलिस पर कमज़ोर पड़ा दिखा। अब पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कॉल डिटेल और घटनास्थल की बारीकी से जांच का दावा किया है।
तिरहूत न्यूज की पड़ताल जारी…
हम इस केस पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं। क्या सोनू की मौत की परतें खुलेंगी? क्या हत्यारे पकड़े जाएंगे? या फिर एक और नाम केस फाइलों में दफ्न हो जाएगा?
“तिरहूत न्यूज” आपसे वादा करता है — हम सच सामने लाएंगे, चाहे वो जितना भी गहरा क्यों न छुपा हो।