
स्पेशल स्टोरी | तिरहूत न्यूज़
अरसों बाद तिलक मैदान से बाहर निकली कांग्रेस, मयंक मुन्ना के नेतृत्व में चंद्रवारा से उठा जनसंदेश
रिपोर्ट: तिरहूत न्यूज़ ब्यूरो | स्थान: चंद्रवारा चौक, मुज़फ्फरपुर
मुज़फ्फरपुर की राजनीतिक फिज़ा में एक नई हलचल दिखाई दी, जब वर्षों बाद कांग्रेस पार्टी ने तिलक मैदान की परंपरा तोड़ते हुए चंद्रवारा चौक पर एक जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक पल की अगुवाई की कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक प्रत्याशी मयंक कुमार मुन्ना ने।
यह आयोजन केवल वक़्फ़ विधेयक पर जन-जागरूकता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बिहार की बदहाल विकास योजनाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दों पर भी जमकर आवाज़ बुलंद की गई।
वक़्फ़ विधेयक: सिर्फ अल्पसंख्यकों का नहीं, साझा विरासत का सवाल
मुख्य अतिथि और किशनगंज से कांग्रेस सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद ने सभा को संबोधित करते हुए कहा:
“वक़्फ़ विधेयक देश की साझी तहज़ीब से जुड़ा मसला है। सरकार की मंशा इसपर स्पष्ट नहीं है। यह विधेयक अगर ऐसे ही पारित हुआ, तो यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरा बन सकता है।”
उन्होंने बिहार की जमीनी हालत पर भी सवाल खड़े किए:
“बिहार की प्रति व्यक्ति आय आज भी सबसे निचले पायदान पर है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि—हर क्षेत्र में हम पिछड़ रहे हैं। ज़मीनी विकास केवल सरकारी भाषणों में ही रह गया है।”
“यह शहर सिर्फ लीची से नहीं, संभावनाओं से भी भरा है” — मयंक मुन्ना
कार्यक्रम के सूत्रधार मयंक मुन्ना ने वक़्फ़ विधेयक को “ज़मीनी अस्तित्व का मुद्दा” बताया। साथ ही, उन्होंने मुज़फ्फरपुर के लगातार हो रहे विकास बहिष्कार पर तीखा सवाल उठाया:
“यह शहर सिर्फ लीची और गर्मी के लिए नहीं जाना जाना चाहिए, बल्कि यह प्रतिभा, व्यापार और टेक्नोलॉजी का केंद्र बन सकता है। लेकिन राजनीतिक उपेक्षा ने इसे रोक रखा है।”
उन्होंने दो टूक कहा: “मैं वर्षों से लड़ रहा हूँ — स्मार्ट सिटी और रोजगार हब का सपना अधूरा नहीं रहने दूँगा।”
नेतृत्व की सराहना और जनसरोकार की राजनीति
पूर्व सांसद अजय निषाद और कांग्रेस जिला अध्यक्ष अरविंद मुकुल ने मंच से मयंक मुन्ना के नेतृत्व को “उम्मीद का प्रतीक” बताते हुए कहा कि, “मयंक ज़मीनी हकीकत को समझने वाला नेता है। यही आज की राजनीति की ज़रूरत है।”
बड़ी संख्या में जुटे प्रतिनिधि और सामाजिक चेहरे
इस कार्यक्रम में अनेक सम्माननीय अतिथियों की उपस्थिति रही, जिनमें महताब आलम, राशिद चौधरी, विश्वनाथ सिंह, सोनू सरदार, नान्तुन सिंह, रविष कुमार, हसनैन, बाबू भाई, पर्वेज, सोनू खान, रजनीश कुमार, मनी रंजन, अनिल अग्रवाल और डब्बू जैसे चर्चित नाम शामिल रहे। सभी ने इसे “सामाजिक चेतना की दिशा में एक मजबूत कदम” बताया।
समापन: जनसंगठित प्रयासों की घोषणा
कार्यक्रम का समापन मयंक मुन्ना की भावनात्मक अपील के साथ हुआ:
“चुप रहना अब विकल्प नहीं है। मुज़फ्फरपुर को विकास की नई दिशा देने के लिए हमें एकजुट होना होगा। मैं आपके लिए लड़ रहा हूँ, आपके हक़ के लिए। तिलक मैदान की सीमा से बाहर आकर अब जनता की आवाज़ हर गली-कस्बे में गूंजेगी।”
यह रिपोर्ट ‘तिरहूत न्यूज़’ की विशेष प्रस्तुति है, जो आपके हक़, आपके सवालों और आपके भविष्य की पत्रकारिता करती है।