

स्पेशल स्टोरी:
जेपी की धरती से जन सुराज की नई पटकथा: सिताबदियारा से प्रशांत किशोर की सारण यात्रा का आगाज़
रिपोर्ट: तिरहूत न्यूज़ डेस्क | माँझी, सारण
सारण की ऐतिहासिक धरती एक बार फिर परिवर्तन की दस्तक सुनने को तैयार है। जेपी की जन्मभूमि सिताबदियारा, जहाँ से कभी संपूर्ण क्रांति की गूंज उठी थी, अब जन सुराज की नई यात्रा का गवाह बनने जा रही है। प्रशांत किशोर, जिन्होंने देश की चुनावी रणनीति में नई परिभाषा गढ़ी, अब जन सरोकारों के पथ पर सारण से अपनी यात्रा शुरू करने जा रहे हैं।
शुरुआत सिताबदियारा से, संदेश पूरे सारण को
20 मई को प्रशांत किशोर मझनपुरा पहुँचेंगे जहाँ जन सुराज के कार्यकर्ता पारंपरिक गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत करेंगे। इसी दौरान वे जन सुराज नेता उदय शंकर सिंह के आवास पर भी रुकेंगे। इसके बाद वे सीधे सिताबदियारा पहुँचेंगे – वह भूमि जहाँ लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म हुआ था। यह महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि उनके विचारों को जमीन पर उतारने की एक नई पहल है। यहीं पर प्रशांत किशोर रात्रि विश्राम करेंगे।
सार्वजनिक संवाद और पदयात्रा का कार्यक्रम
21 मई को माँझी नगर पंचायत के बहोरन सिंह टोला मैदान में प्रस्तावित जनसभा को प्रशांत किशोर संबोधित करेंगे। जनसभा से पहले वे दुर्गापुर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे, जिससे उनके दौरे को एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्पर्श भी मिलेगा।
इसके बाद शुरू होगी पदयात्रा – जन संवाद की असली ताकत। वे माँझी नगर क्षेत्र में घूमते हुए स्वतंत्रता सेनानी दलन सिंह और पंडित गिरीश तिवारी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करेंगे। फिर जलाल बाबा की मजार पर चादरपोशी कर सामाजिक सौहार्द का संदेश देंगे।
परिवारों से संवाद और जनसरोकार की पहल
प्रशांत किशोर बरेजा गाँव में पं. गिरीश तिवारी के परिजनों से भी मुलाकात करेंगे – यह सिर्फ एक शिष्टाचार नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक स्मृति का सम्मान है जो इस भूमि की पहचान है। शाम होते-होते वे कोपा प्रस्थान करेंगे, जहाँ उनका रात्रि विश्राम निर्धारित है।
कार्यकर्ताओं में उत्साह, जनता में उम्मीद
पार्टी के जिलाध्यक्ष बच्चा राय की मानें तो इस कार्यक्रम की सफलता के लिए पिछले दो दिनों से कार्यकर्ताओं की टीम युद्धस्तर पर जुटी है। गाँव-गाँव जाकर जनसंपर्क किया जा रहा है। पत्रकार वार्ता में मौजूद जन सुराज के अन्य नेता – मुन्ना सिंह भवानी, खुर्शीद नैयर, बिनोद माँझी, अनिल राम, आरएन तिवारी, एकराम खान समेत दर्जनों कार्यकर्ता पूरी ऊर्जा से अभियान में जुटे हैं।
तिरहूत न्यूज़ विश्लेषण:
सिताबदियारा से शुरू हो रही यह यात्रा केवल एक राजनीतिक अभियान नहीं, बल्कि बिहार के राजनीतिक मानस को जगाने की एक कोशिश है। प्रशांत किशोर जिस ज़मीन से यात्रा शुरू कर रहे हैं, वह केवल भौगोलिक नहीं, वैचारिक भी है। अब देखना यह है कि क्या जन सुराज, जेपी की विरासत को आज की राजनीति में नई सांस दे पाएगा?