
स्पेशल स्टोरी: घूस की दलदल में धंसा कानून का रखवाला – थाना परिसर में ASI अजीत कुमार रंगे हाथ गिरफ्तार
पटना, तिरहूत न्यूज़
बिहार की राजधानी पटना में बुधवार को जो हुआ, उसने एक बार फिर इस सवाल को खड़ा कर दिया है — क्या थाने अब न्याय की जगह सौदेबाजी के अड्डे बनते जा रहे हैं?
शास्त्रीनगर थाना में पदस्थापित एएसआई अजीत कुमार को विजिलेंस की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी थाना परिसर के बेहद नजदीक, सादे लिबास में की गई — और वो भी तब, जब आरोपी खुद को सुरक्षित मान रहा था।
शिकायत के बाद बिछाया गया था जाल
नूरजहां नाम की एक महिला ने निगरानी विभाग को शिकायत दी थी कि एक केस में उनके बेटे का नाम हटवाने के लिए अजीत कुमार ने ₹50,000 की मांग की है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए विजिलेंस टीम ने एक ट्रैप ऑपरेशन प्लान किया।
बुधवार को जब अजीत कुमार पैसे लेने महुआबाग इलाके में पहुंचे, निगरानी की टीम पहले से मौजूद थी। जैसे ही उन्होंने पैसे लिए, उन्हें पकड़ लिया गया।
DIG का बयान: रिश्वतखोरी के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस
निगरानी विभाग के DIG मृत्युंजय कुमार चौधरी ने पुष्टि की कि “शिकायत सही पाई गई। अजीत कुमार ने केस से नाम हटाने के लिए ₹50,000 की मांग की थी। हमारी टीम ने साक्ष्यों के आधार पर तत्काल कार्रवाई की।”
उन्होंने कहा कि निगरानी विभाग ऐसे भ्रष्ट अफसरों पर कठोर कार्रवाई करता रहेगा।
कार्रवाई में शामिल रहे ये अधिकारी
इस ऑपरेशन में पुलिस उपाधीक्षक पवन कुमार के नेतृत्व में निम्नलिखित अफसर शामिल रहे:
• निरीक्षक मोहम्मद नजीमुद्दीन
• मणिकांत सिंह
• रविशंकर
• आशीष कुमार
• रणधीर सिंह
तिरहूत न्यूज़ की टिप्पणी:
यह मामला केवल एक गिरफ्तारी का नहीं, सिस्टम पर गहराते अविश्वास का प्रतीक है। थाना, जहाँ न्याय की शुरुआत होती है, अगर वहीं पर सौदेबाज़ी हो — तो आम आदमी कहाँ जाए? इस सवाल का जवाब सिस्टम को देना होगा।