योग ऊर्जा जागृति का श्रोत – रामदयालु बाबू स्मारक भवन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भाजपा का आयोजन

Tirhut News

मुजफ्फरपुर, 21 जून 2025 | तिरहूत न्यूज़ ब्यूरो

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रामदयालु बाबू स्मारक भवन में आज जिला भाजपा (पूर्वी) द्वारा एक भव्य योग शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष विवेक कुमार ने की। आयोजन का उद्देश्य था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” के संकल्प को जन-जन तक पहुँचाना।

कार्यक्रम की शुरुआत:

कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता, दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। दीप प्रज्वलन संयुक्त रूप से बिहार सरकार के मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता, पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष बेबी कुमारी, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष रविंद्र प्रसाद सिंह, और जिलाध्यक्ष विवेक कुमार ने किया।

योग साधना व मार्गदर्शन:

योगगुरु चंद्रिका पाण्डेय के नेतृत्व में उपस्थित लोगों ने अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र और विविध योगासन किए। उन्होंने कहा कि “योग शरीर की सृजनात्मक ऊर्जा को जागृत कर मानसिक व आध्यात्मिक मजबूती प्रदान करता है।”

वक्ताओं के विचार:

• विवेक कुमार, जिलाध्यक्ष (पूर्वी), भाजपा:

“आज योग केवल भारत नहीं, बल्कि दुनिया के कोने-कोने में पहुंच चुका है। यह भारत की सनातन संस्कृति की विजय है। योग तन, मन और आत्मा की शुद्धि का सशक्त माध्यम है।”

• केदार प्रसाद गुप्ता, मंत्री, बिहार सरकार:

“योग का समावेश हम शिक्षा व्यवस्था में करेंगे, जिससे बच्चों को यह जीवनशैली के रूप में मिले।”

• सुरेश कुमार शर्मा, पूर्व मंत्री:

“मेरे दिन की शुरुआत योग से होती है। योग केवल आसन नहीं, यह अनुशासन और आत्मचिंतन की विद्या है, जो मन, तन और आत्मा को संतुलन देती है।”

उपस्थित गणमान्य:

कार्यक्रम में जिला महामंत्री मुकेश शर्मा, मनोज तिवारी, रविशंकर कुशवाहा, अशोक झा, अरविंद कुमार सिंह (अधिवक्ता), अंजना कुशवाहा, पारितोष सिंह, लालबाबू साहनी, नंदकिशोर पासवान, डॉ. साकेत शुभम ठाकुर, रंजन ओझा, दीपक शर्मा, प्रवक्ता सुजीत चौधरी, सतीश कुमार, आशीष कुमार पिंटू, नंदकिशोर ठाकुर, उत्पल रंजन, धीरज सिंह, प्रणव भूषण मोनी, राकेश पटेल, आनंद सिंह, दिलीप कुमार सहित भाजपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं नागरिक उपस्थित थे।

निष्कर्ष:

यह आयोजन योग के सामाजिक, शारीरिक और सांस्कृतिक महत्व को जनसामान्य तक पहुँचाने का सशक्त प्रयास था। योग अब भारत की सीमा से बाहर एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है, और इस दिशा में ऐसे कार्यक्रम सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

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