इसरो और पूसा कृषि विश्वविद्यालय का संयुक्त प्रयास: फसल उत्पादकता और जलवायु अध्ययन में क्रांति

Tirhut News

इसरो के साथ मिलकर काम करेगा डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, फसल उत्पादकता और जलवायु अध्ययन में आएगा बदलाव

समस्तीपुर से रामरूप राय की रिपोर्ट | तिरहूत न्यूज़

स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (SAC), इसरो और डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर के बीच ऐतिहासिक साझेदारी की शुरुआत हो रही है। इसरो पूसा में एक अत्याधुनिक एड्डी कोवेरियंस (EC) टावर स्थापित करेगा, जिससे कृषि और जलवायु अध्ययन के लिए सटीक और उच्च-गुणवत्ता वाले डेटा का उत्पादन संभव होगा।

इस वैज्ञानिक सहयोग से बिहार और पूरे देश में जलवायु-लचीली कृषि, फसल उत्पादकता विश्लेषण, और ऊर्जा प्रवाह निगरानी को बल मिलेगा। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पुण्यव्रत सुविमलेंदु पांडे के अनुसार, इससे न केवल शोध को बल मिलेगा बल्कि किसानों को भी सीधा लाभ पहुंचेगा।

इस टावर से मिलने वाला डेटा ग्रॉस प्राइमरी प्रोडक्टिविटी (GPP) और नेट प्राइमरी प्रोडक्टिविटी (NPP) के विश्लेषण के लिए उपयोगी होगा, साथ ही बिहार में उपग्रह-व्युत्पन्न उत्पादों की सटीकता जांचने में मदद करेगा।

यह पहल कृषि विज्ञान, जलवायु परिवर्तन और स्पेस टेक्नोलॉजी के मिलन का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो आने वाले समय में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दे सकती है।

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