मस्जिद में बच्चों के बैठने को लेकर हुआ था विवाद, दो दिन बाद कबाड़ व्यवसायी की सरेआम गोली मारकर हत्या”

Tirhut News

मस्जिद में बच्चों के बैठने पर हुआ विवाद बना हत्या की वजह, तुफैल गैंग के आतंक से कांप उठा गांव
मजहब की जगह पर भी नहीं बख्शा, गोली मारकर की हत्या — क्या कानून से ऊपर हो चुके हैं ये भाई?

मुजफ्फरपुर | मझौलिया | तिरहूत न्यूज़ डेस्क
मजहब के घर यानी मस्जिद में जहां अमन और भाईचारे की बातें होती हैं, वहां दो दिन पहले बच्चों के बैठने को लेकर हुआ विवाद अब कब्रगाह की चुप्पी में बदल गया है। कबाड़ व्यवसायी मो. गुलाब की सरेआम गोली मारकर हत्या उसी मामूली विवाद की खौफनाक परिणति बन गई।
गांव के लोगों का कहना है कि हत्या का कारण सिर्फ जमीन का झगड़ा नहीं था, बल्कि दो दिन पहले मस्जिद में बच्चों के बैठने को लेकर हुए विवाद ने आग में घी का काम किया। इसी विवाद में गुलाब और तुफैल गैंग के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। आरोपियों ने उसी समय गुलाब को देख लेने की धमकी दी थी।
दहशत इस कदर कि मस्जिद तक सुरक्षित नहीं, ‘बैठने’ पर शुरू हुआ विवाद बना कत्ल की वजह
गांव के ममेरे भाई मो. राजा के मुताबिक
“दो दिन पहले मस्जिद में कुछ बच्चे नमाज के लिए बैठने गए थे। वहीं पर बैठने को लेकर मो. तुफैल और उसके भाइयों से कहासुनी हो गई थी। गुलाब ने उस समय बच्चों का पक्ष लिया था। बस यही बात इन लोगों को इतनी नागवार गुज़री कि उन्होंने हत्या ही कर दी।”
गुलाब पर गोली शाम 8 बजे घर के पास चलाई गई। वो सड़क पर लहूलुहान पड़ा रहा। परिजन जब पहुंचे, तब तक जान जा चुकी थी।
‘तुफैल गैंग’ का गांव में आतंक, अबतक कोई गिरफ्तारी नहीं
मो. तुफैल, मो. बादल, मो. अकिल और मो. छोटू — चारों सगे भाई हैं और गांव में इनका खौफ इतना है कि लोग इनके खिलाफ बोलने से भी डरते हैं।
इलाके के लोग बताते हैं कि ये लोग अक्सर मस्जिद, पंचायत और मेलों में विवाद फैलाते रहते हैं। अब बात हत्या तक पहुँच गई है।
राजनीतिक संरक्षण पर भी उठे सवाल, पुलिस रही निष्क्रिय?
स्थानीय लोगों ने साफ कहा है कि इन भाइयों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है, इसलिए पुलिस अब तक हाथ नहीं डाल पाई।
दो दिन पहले ही धमकी दी गई थी। अगर पुलिस चाहती तो गुलाब की जान बच सकती थी,” — परिजन
फिलहाल गांव में पुलिस तैनात, लेकिन डर कायम
हत्या के बाद गांव में तनाव बना हुआ है। कई परिवार अपने बच्चों को गांव से बाहर भेज रहे हैं। पुलिस बल तैनात है, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
ग्रामीणों ने कहा कि:
“अगर मस्जिद में बैठने को लेकर ही गोली मार दी जाए, तो फिर इंसाफ की क्या उम्मीद है?”

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