टेंगराहां में फूटा गुस्सा: “सड़क नहीं तो वोट नहीं”, ग्रामीणों ने निकाली पदयात्रा, नेताओं को गांव में घुसने से रोका

Tirhut News

रिपोर्ट: डेस्क टीम  | तिरहूत न्यूज

मुजफ्फरपुर: मीनापुर प्रखंड के टेंगराहां गांव में 20 साल से जर्जर सड़क को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा रविवार को फूट पड़ा। सैकड़ों ग्रामीणों ने “रोड नहीं तो वोट नहीं” का नारा लगाते हुए पदयात्रा निकाली और गांव में बैनर-पोस्टर टांगकर सभी नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी।

पदयात्रा का नेतृत्व संजीव कुमार चुन्नू ने किया। ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक पक्की सड़क नहीं बनती, तब तक किसी भी राजनीतिक दल या नेता को गांव में घुसने नहीं देंगे। गांव के रणधीर कुमार ने बताया कि यह सड़क वर्ष 2005 में बनी थी, जो अब पूरी तरह से टूट चुकी है। हर साल चुनाव में वादे किए जाते हैं लेकिन हकीकत में काम नहीं होता।

सांसद और विधायक दोनों पर उठे सवाल

ग्रामीणों ने बताया कि बीते लोकसभा चुनाव में वर्तमान सांसद वीणा देवी और उनकी पुत्री कोमल सिंह ने सड़क निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन 15 महीने बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।

वहीं मीनापुर के वर्तमान विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव पर भी ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। ग्रामीण पंकज यादव और मिट्ठू यादव ने कहा – “10 साल से विधायक हैं लेकिन सड़क की हालत सुधारने की कोशिश तक नहीं हुई। अब वोट नहीं मिलेगा।”

विधानसभा चुनाव से पहले अल्टीमेटम

ग्रामीण दीपक कुमार और अमित कुमार ने कहा कि यदि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सड़क नहीं बनी, तो टेंगराहां गांव के सभी लोग कोमल सिंह के खिलाफ गायघाट में खुला विरोध प्रदर्शन करेंगे।

ग्रामीणों का साफ संदेश है – इस बार विकास के झूठे वादों पर वोट नहीं देंगे।

ये रहे मौके पर मौजूद लोग:

राजीव कुमार, सुबोध कुमार, राजा कुमार, राजेश कुमार, अंजीव कुमार, विकास कुमार, राजभूषण कुमार, संतोष कुमार, दीपक कुमार, पंकज यादव, कामेश्वर सिंह, गगन मांझी, सुरेन्द्र सिंह, उमेश सिंह, बंटी कुमार समेत सैकड़ों ग्रामीण इस पदयात्रा में शामिल हुए।

टेंगराहां के लोगों ने इस बार तय कर लिया है – “सड़क नहीं बनी तो चुनाव का बहिष्कार तय है।” गांव की जनता अब केवल वादे नहीं, जमीनी विकास चाहती है।

 

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