
मुजफ्फरपुर के ब्लू डायमंड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बिहार सरकार की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र, अभिभावक और शैक्षणिक विशेषज्ञ शामिल हुए।
बिहार सरकार की योजना से मिल रही नई दिशा
मुजफ्फरपुर जिले के मझौली चौक स्थित ब्लू डायमंड इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सभागार में आयोजित इस सेमिनार में सरकार की महत्वाकांक्षी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना पर चर्चा की गई।
इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के मेधावी छात्रों को उच्च शिक्षा में वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
जिला स्तर के संबंधित पदाधिकारी ने कहा—
“यह योजना स्नातक और मास्टर्स स्तर के रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के लिए लागू है। स्नातक कोर्स के लिए अधिकतम उम्र 25 वर्ष और मास्टर्स के लिए 30 वर्ष निर्धारित की गई है।”
उन्होंने अभिभावकों से आह्वान किया कि—
“अपने बच्चों को हुनर आधारित और तकनीकी शिक्षा के लिए प्रेरित करें ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।”
ग्रामीण छात्रों को मुख्यधारा से जोड़ने की पहल
संस्थान के अध्यक्ष विकास भट्ट ने कहा कि इस संस्थान की स्थापना एक मिशन के रूप में की गई है। उनका उद्देश्य है कि—
“गांव के प्रतिभावान छात्रों को भी वैसी ही गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा मिले जैसी शहरों के छात्रों को मिलती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
अभिभावकों और छात्रों में उत्साह
इस सेमिनार में बड़ी संख्या में अभिभावक, शिक्षक और छात्र मौजूद रहे। लोगों ने संस्थान द्वारा इस पहल की सराहना की और कई अभिभावकों ने अपने बच्चों के भविष्य के नामांकन को लेकर सकारात्मक रुझान भी दिखाया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग
सेमिनार के मौके पर संस्थान के प्राचार्य श्रवण कुमार, शिक्षाविद् सुबोध कुमार तिवारी, प्रकाश भट्ट सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
निष्कर्ष: शिक्षा अब किसी के लिए सपना नहीं
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना और ब्लू डायमंड इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों के प्रयासों से अब ग्रामीण छात्र भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। जरूरत है सिर्फ सही जानकारी और मार्गदर्शन की।