मुजफ्फरपुर को मिल रहा है ‘अटल कला भवन’: उत्तर बिहार का सबसे बड़ा प्रेक्षागृह

Tirhut News

गणतंत्र दिवस 2026 का मुख्य कार्यक्रम यहीं होगा, 50.23 करोड़ की लागत से कांटी में बन रहा ऐतिहासिक सांस्कृतिक मंच
तिरहूत न्यूज डेस्क | मुजफ्फरपुर

मुजफ्फरपुर को जल्द ही एक ऐसी सांस्कृतिक सौगात मिलने वाली है, जिसका सपना इस जिले ने वर्षों से देखा था। कांटी अंचल के दाउदपुर कोठी में 3 एकड़ भूमि पर बन रहा ‘अटल कला भवन’ अब तेजी से आकार ले रहा है। ₹50.23 करोड़ की लागत से बनने वाला यह 2000 सीटों वाला अत्याधुनिक प्रेक्षागृह उत्तर बिहार का सबसे बड़ा बहुउद्देशीय मंच होगा।

सिर्फ भवन नहीं, पहचान बनेगा

यह भवन जिले की पहचान को नया आयाम देगा। सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हों या सरकारी सेमिनार, शिक्षकों की ट्रेनिंग हो या युवाओं की वर्कशॉप — ‘अटल कला भवन’ हर आयोजन का केंद्र बनेगा। यही वजह है कि गणतंत्र दिवस 2026 का जिला स्तरीय मुख्य समारोह इसी भवन में कराने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
परियोजना की मुख्य बातें:

बिंदुविवरणनामअटल कला भवन (चंपारण सत्याग्रह शताब्दी प्रेक्षागृह)स्थानदाउदपुर कोठी, कांटी, मुजफ्फरपुरनिर्माण क्षेत्र3 एकड़ (PHED की भूमि)क्षमता2000 दर्शकलागत₹50.23 करोड़निर्माण विभागभवन निर्माण विभागसमयसीमाअक्टूबर 2026 (लक्ष्य: जनवरी 2026 तक पूर्णता)
DM की पहल से मिला ज़मीन और स्वीकृति

जिला पदाधिकारी श्री सुब्रत कुमार सेन के लगातार प्रयास से यह योजना आकार ले सकी। पहले पुलिस लाइन, एमआईटी और जिला स्कूल जैसे स्थानों पर इस परियोजना के लिए भूमि तलाश की गई, लेकिन तकनीकी और स्वीकृति से जुड़ी अड़चनें सामने आती रहीं।

आख़िरकार कांटी अंचल के दाउदपुर कोठी में PHED की भूमि को उपयुक्त पाया गया। डीएम ने खुद स्थल का निरीक्षण किया और 6 सदस्यीय तकनीकी समिति बनाकर पारदर्शिता से भूमि चयन कराया। इसके बाद PHED से NOC प्राप्त कर निर्माण कार्य शुरू हुआ।
कला, शिक्षा और प्रशासन का साझा मंच

114 मीटर लंबा और 100 मीटर चौड़ा यह भवन सिर्फ एक प्रेक्षागृह नहीं, बल्कि मुजफ्फरपुर का नया सांस्कृतिक हब होगा। इसमें होंगे:

✅ संगीत, नाटक, नृत्य जैसे मंचीय कार्यक्रम

✅ प्रतियोगी परीक्षाओं और स्कूल-कॉलेज की सेमिनार

✅ सरकारी मीटिंग्स और प्रशासनिक कार्यशालाएं

✅ युवाओं और महिलाओं के लिए प्रेरक ट्रेनिंग

✅ जिले के गौरवशाली आयोजनों का स्थायी ठिकाना
जनवरी 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य

हालांकि भवन निर्माण की अंतिम तिथि अक्टूबर 2026 निर्धारित है, लेकिन जिलाधिकारी ने निर्माण एजेंसी को निर्देशित किया है कि जनवरी 2026 तक भवन को तैयार कर लिया जाए ताकि 26 जनवरी 2026 को इसका पहला ऐतिहासिक आयोजन कराया जा सके।
‘तिरहूत की आवाज़’ के लिए तैयार हो रहा मंच

‘अटल कला भवन’ आने वाले वर्षों में तिरहूत क्षेत्र की सांस्कृतिक धड़कन बनेगा। यहां की धरती ने पहले भी आंदोलन और सृजन की आवाज़ दी है, अब यह भवन उसी परंपरा को आधुनिक स्वर देगा। कलाकारों, विद्यार्थियों, प्रशिक्षकों और आम लोगों के लिए यह एक उम्मीद और ऊर्जा का मंच साबित होगा।

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रिपोर्ट: तिरहूत न्यूज टीम

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