
रिपोर्ट: रूपा ठाकुर, तिरहूत न्यूज़ | मुजफ्फरपुर।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित मुजफ्फरपुर दौरे से पहले जिले की सकरा विधानसभा की राजनीति अचानक गरम हो गई है।जिले के इकलौते जदयू विधायक अशोक चौधरी के खिलाफ न सिर्फ स्थानीय जदयू नेताओं में नाराजगी है, बल्कि आम जनता भी अब खुलकर विरोध में उतर आई है।पूरा इलाका इन दिनों ‘लापता विधायक’ के पोस्टरों से पटा हुआ है, जिन पर जनता ने सवाल लिखा है —“विधायक जी बताइए, पांच साल में क्या किया?”
विधायक के खिलाफ जनता और कार्यकर्ताओं का मोर्चासकरा विधानसभा क्षेत्र के कई इलाकों — पानापुर, साहेबगंज रोड, हरिशंकर चौक और सकरा बाजार — में लोगों ने दीवारों पर पोस्टर लगाकर विधायक की अनुपस्थिति और निष्क्रियता पर सवाल खड़े किए हैं।पोस्टरों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी #लापता_विधायक हैशटैग चल रहा है।जदयू किसान एवं सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष रवि भूषण ने तिरहूत न्यूज़ से बातचीत में कहा —“पांच साल में विधायक ने कोई बड़ा विकास कार्य नहीं कराया। जनता निराश है।अब तो उनके पुत्र खुद लोगों से कह रहे हैं कि उन्होंने पांच करोड़ रुपये में टिकट खरीदा है।इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी की साख को नुकसान हो रहा है।”उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के आने से पहले ही कार्यकर्ता और नेता इस विरोध की बात खुलकर सामने रखेंगे।
कार्यकर्ताओं की बैठक में गूंजा विरोधसूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के स्वागत की तैयारी को लेकर बुलाई गई जदयू कार्यकर्ताओं की बैठक में भी विधायक के खिलाफ विरोध के स्वर तेज हो गए।कई नेताओं ने बैठक में ही साफ कहा कि यदि अशोक चौधरी को दोबारा टिकट मिला तो वे समर्थन नहीं करेंगे।कुछ कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक ने पांच वर्षों में केवल कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाया और आम कार्यकर्ताओं की अनदेखी की।
विधायक का पलटवार — “विरोधी मेरी छवि खराब करना चाहते हैं”जब इस पूरे मामले पर विधायक अशोक चौधरी से संपर्क किया गया, तो उन्होंने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।उन्होंने कहा —“यह सब विपक्षी दलों और एनडीए के कुछ असंतुष्ट नेताओं की साजिश है।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुझ पर भरोसा किया है।मैंने क्षेत्र में सड़क, बिजली और शिक्षा से जुड़ी योजनाओं पर काम किया है।जो लोग हमारी बढ़ती लोकप्रियता से परेशान हैं, वही इस तरह के पोस्टर लगवा रहे हैं।”
राजनीतिक विश्लेषण: नीतीश के दौरे से पहले पार्टी के भीतर असंतोष का संकेतमुजफ्फरपुर की 11 विधानसभा सीटों में जदयू की केवल एक सीट (सकरा) होने के बावजूद विधायक के खिलाफ इस तरह का विरोध पार्टी के लिए गंभीर संकेत माना जा रहा है।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला न केवल अशोक चौधरी की साख पर असर डाल सकता है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव 2025 में जदयू की रणनीति को भी प्रभावित कर सकता है।अगर मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही उनके अपने विधायक के खिलाफ ऐसे पोस्टर लगने लगे हैं, तो यह पार्टी के अंदर बढ़ती असंतोष की झलक है।
निष्कर्ष: सकरा में बढ़ता विरोध जदयू के लिए चेतावनीमुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्तावित कार्यक्रम से पहले ही जदयू विधायक के खिलाफ बढ़ता विरोध पार्टी के अंदर असंतोष और जनता की नाराजगी दोनों को दर्शाता है।अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं —क्या पार्टी विधायक के समर्थन में खड़ी होती है,या फिर जनता के गुस्से को शांत करने के लिए कोई बड़ा कदम उठाती है।