
मुजफ्फरपुर: दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं मुजफ्फरपुर जिले के मड़वन प्रखंड के रूपवारा पंचायत के रसूलपुर गांव की रहने वाली खुशबू देवी, जो अब ‘लखपति दीदी’ के नाम से पहचानी जा रही हैं। अपने व्यवसायिक कौशल और जीविका समूह की मदद से उन्होंने मच्छरदानी निर्माण का कार्य शुरू किया और आज वे 62 महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश कर रही हैं।
साल 2009 में शुरू किया था सफर, 2013 में मिली नई राह
खुशबू देवी ने 2009 में मच्छरदानी बनाने का कार्य शुरू किया, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण इसे बड़े पैमाने पर नहीं कर पाईं। 2013 में जब वे जीविका समूह के गंगा समूह से जुड़ीं, तो उनके व्यवसाय को एक नई दिशा मिली। बिहार सरकार के इनक्यूबेशन फंड के तहत उन्हें 2,67,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिली, जिससे उन्होंने अपने उत्पादन केंद्र को और विकसित किया।
‘प्रतिज्ञा मच्छरदानी महिला उत्पादन केंद्र’ से बदल रही हैं कई महिलाओं की जिंदगीखुशबू देवी ने ‘प्रतिज्ञा मच्छरदानी महिला उत्पादन केंद्र’ की स्थापना की, जहां आज 62 महिलाएं कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में हर दिन सैकड़ों मच्छरदानियां बनाई जाती हैं, जो बिहार समेत कई राज्यों में बेची जाती हैं। इस कार्य से कई महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने की सराहना
खुशबू देवी की सफलता की कहानी अब राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन चुकी है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा आयोजित ग्राम समृद्धि कार्यशाला में उन्हें पैनलिस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी सराहना की और कहा कि ‘लखपति दीदियां’ आज पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना रही हैं।
क्या है भविष्य की योजना?
खुशबू देवी अपने मच्छरदानी व्यवसाय को और अधिक विस्तार देने की योजना बना रही हैं। उनका उद्देश्य है कि इस कार्य से जुड़कर और भी अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें और उनका उत्पाद पूरे देश में पहचाना जाए। वे आने वाले दिनों में अपने मच्छरदानी ब्रांड को ऑनलाइन बेचने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर बड़े स्तर पर विस्तार करने की योजना बना रही हैं।
स्थानीय प्रशासन और जीविका समूह की प्रतिक्रिया
इस सफलता पर स्थानीय प्रशासन और जीविका समूह के अधिकारियों ने भी प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि खुशबू देवी जैसी महिलाओं के प्रयास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। जीविका समूह की मदद से आज कई महिलाएं न केवल रोजगार पा रही हैं, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।
खुशबू देवी की यह कहानी साबित करती है कि अगर मेहनत और सही मार्गदर्शन मिले, तो कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।