होली महोत्सव 2025: सामाजिक सौहार्द्र और रंगों का उत्सव

Tirhut News

मुजफ्फरपुर में बिहार गुरु द्वारा आयोजित होली महोत्सव में रंगों और सामाजिक समरसता का अद्भुत नजारा देखने को मिला। कार्यक्रम का उद्घाटन पंचायतीराज मंत्री केदार गुप्ता ने किया।
मुजफ्फरपुर में रविवार को बिहार गुरु द्वारा आयोजित होली महोत्सव में रंगों की उमंग और सामाजिक सौहार्द्र की झलक देखने को मिली। शहर के एक निजी होटल में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन पंचायतीराज मंत्री केदार गुप्ता ने किया।बिहार गुरु के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने अपने संबोधन में मुजफ्फरपुर के समग्र विकास के लिए सभी को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों के लोगों का सहयोग ही शहर को एक विकसित पहचान दिला सकता है।

प्रख्यात साहित्यकार संजय पंकज ने होली के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा करते हुए सभी से आपसी प्रेम और सौहार्द्र के माहौल में होली मनाने की अपील की, जिससे समाज में एकता और भाईचारा बना रहे।


महोत्सव में शहरवासियों ने गुलाल और फूलों की होली खेलकर त्योहार की आनंदमय भावना को प्रकट किया। रंग-बिरंगी छटा के बीच लोगों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले 100 विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जिनमें समाजसेवा, शिक्षा, राजनीति, प्रशासन और कला-संस्कृति से जुड़े लोग शामिल थे।


महोत्सव में कई राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक हस्तियों की भागीदारी रही, महोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पारंपरिक होली गीतों और नृत्य प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। ढोल-नगाड़ों की थाप और लोकगीतों की गूंज से पूरा माहौल उमंग से भर उठा।
मुख्य बातें:

• बिहार गुरु के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश तिरंगा (ऑक्सीजन बाबा) ने शहर के समग्र विकास के लिए एकजुटता की अपील की।

• साहित्यकार संजय पंकज ने होली के सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा की।

• गुलाल और फूलों की होली खेली गई, जिससे उत्सव का आनंद दोगुना हो गया।

• 100 विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जिनमें समाजसेवी, शिक्षक, राजनेता, प्रशासक और कलाकार शामिल थे।

• प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति: पूर्व विधायक केदार प्रसाद, उपमेयर डॉ. मोनालिसा, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

• सांस्कृतिक कार्यक्रमों में पारंपरिक होली गीत, नृत्य और लोकगीतों ने समां बांध दिया।

महोत्सव ने समाज में भाईचारे, सौहार्द्र और आनंद का संदेश दिया, जिसमें सभी वर्गों के लोगों ने भाग लिया।

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