
मुजफ्फरपुर: बिहार एसटीएफ ने 14 साल से फरार कुख्यात अपराधी दीपक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब वह वाराणसी से मुजफ्फरपुर अपने रिश्तेदार से मिलने आया था। पुलिस के मुताबिक, जैसे ही उसने बीएमपी-6 क्षेत्र में प्रवेश किया, एसटीएफ ने उसे दबोच लिया। दीपक सिंह पर हत्या, लूट, रंगदारी समेत 26 संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं।
गिरफ्तारी की पूरी कहानी
बिहार एसटीएफ को हाल ही में जानकारी मिली थी कि दीपक सिंह वाराणसी में रह रहा है। उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। जैसे ही वह मुजफ्फरपुर में दाखिल हुआ, पुलिस टीम ने उसे सादे लिबास में ट्रैक किया। बीएमपी-6 इलाके में पैदल जाते वक्त उसे धर दबोचा गया। इस ऑपरेशन में एसटीएफ की विशेष टीम ने गुप्त रूप से काम किया और बिना किसी हंगामे के उसे गिरफ्तार कर लिया।
दीपक सिंह का आपराधिक इतिहास
ग्रामीण एसपी विद्यासागर ने बताया कि दीपक सिंह मूल रूप से पारू क्षेत्र का रहने वाला है और वह कई गंभीर आपराधिक वारदातों में शामिल रहा है। उसके खिलाफ दर्ज प्रमुख मामलों में शामिल हैं:
- सरमस्तपुर ग्रामीण बैंक मैनेजर लालबहादुर सिंह की हत्या: आरोप है कि दीपक सिंह ने बैंक मैनेजर पर फर्जी लोन पास करने का दबाव बनाया था। जब उन्होंने इनकार किया, तो उनकी हत्या कर शव को बैंक के कैश रूम में फंदे से टांग दिया गया।
- रंगदारी और लूटपाट: स्थानीय व्यापारियों और व्यवसायियों से रंगदारी वसूलने के कई मामले उसके खिलाफ दर्ज हैं।
- फरारी के दौरान सक्रिय अपराध: 2011 से फरार रहने के बावजूद, उसने वाराणसी और आसपास के इलाकों में अपनी आपराधिक गतिविधियां जारी रखी थीं।
पुलिस की बड़ी सफलता
दीपक सिंह की गिरफ्तारी से पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली है। उसकी गिरफ्तारी के लिए हाल ही में इश्तेहार जारी किया गया था, जिसके बाद एसटीएफ ने रणनीति तेज कर दी थी। पुलिस का मानना है कि इससे मुजफ्फरपुर और आसपास के इलाकों में अपराध पर नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
आगे क्या होगा?
- एसटीएफ और पुलिस की टीम दीपक सिंह से पूछताछ कर रही है ताकि उसके साथियों और आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
- पुलिस जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी और मामले को तेजी से निपटाने की कोशिश की जाएगी।
- संभावना है कि उसके अन्य सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए भी जल्द छापेमारी हो सकती है।