

मुजफ्फरपुर | तिरहूत न्यूज
बूढ़ी गंडक नदी के रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को लेकर नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। इस परियोजना के तहत नदी की हाइड्रोग्राफी की जाएगी, जिसमें उसकी धारा, गहराई, तल और अन्य भौतिक विशेषताओं का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। इस रिपोर्ट के आधार पर ही प्रोजेक्ट की डिजाइन तैयार होगी।
हाइड्रोग्राफी से मिलेगा सटीक डेटा
हाइड्रोग्राफी के जरिए नदी में समय के साथ हुए परिवर्तनों का आकलन किया जाएगा। विशेषज्ञों की टीम नदी के अतीत, वर्तमान और भविष्य से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी, जिससे परियोजना की स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
6 किमी तक बनेगा एलिवेटेड रोड, सौंदर्यीकरण भी होगा
दादर कोल्हुआ घाट से लेकर बीएमपी 6 तक नदी के किनारे लगभग 6 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड रोड बनाया जाएगा। इसके अलावा, नदी के किनारे सौंदर्यीकरण और अन्य संरचनात्मक कार्य भी किए जाएंगे। इस पूरी परियोजना पर अनुमानित 256 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।
डीपीआर अंतिम चरण में, मंत्रालय से बात जारी
नगर निगम और नगर विकास विभाग की ओर से डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है, जो अब अंतिम चरण में है। केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी ने बताया कि डीपीआर तैयार होते ही परियोजना की अगली प्रक्रियाएं शुरू कर दी जाएंगी। इस संबंध में नमामि गंगे परियोजना के जीएम से भी चर्चा हो चुकी है।
हाइड्रोग्राफी क्यों जरूरी?
हाइड्रोग्राफी के माध्यम से नदियों, झीलों और महासागरों की भौतिक विशेषताओं को मापा और वर्णित किया जाता है। यह जल विज्ञान का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे नौवहन सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और वैज्ञानिक अनुसंधान में सहायता मिलती है।
रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट से शहर को होगा बड़ा फायदा
मेयर निर्मला साहू ने कहा कि यह शहर के लिए ड्रीम प्रोजेक्ट साबित होगा। इससे आवागमन सुगम होगा, जाम की समस्या कम होगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही, नदी किनारे के क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण और पर्यावरण संरक्षण भी होगा।
रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट को लेकर नगर निगम और प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो यह प्रोजेक्ट मुजफ्फरपुर को एक नई पहचान देने में मदद करेगा।
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