बेतिया-कुमारबाग रेलखंड: दोहरीकरण कार्य पूर्ण, 30 मार्च को CRS निरीक्षण

Tirhut News

बेतिया: सगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना के तहत बेतिया-कुमारबाग के 9 किमी लंबे नवनिर्मित रेलखंड का 30 मार्च 2025 को संरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। इससे पहले, 29 मार्च को इस रेलखंड पर स्पीड ट्रायल किया जाएगा।

रेलवे नेटवर्क का विस्तार, सफर होगा सुगम

सगौली-वाल्मीकिनगर रेलखंड का दोहरीकरण बिहार और नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। 110 किमी की इस परियोजना में अब तक 92 किमी ट्रैक पर दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है, जबकि शेष 18 किमी (मझौलिया-बेतिया और खरपोखरा-बगहा) पर तेजी से काम जारी है।

रेलवे प्रशासन का कहना है कि दोहरीकरण कार्य पूरा होने से ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी, लेट-लतीफी कम होगी और यात्रा अधिक सुरक्षित व सुविधाजनक बनेगी।

सुरक्षा को लेकर रेलवे की अपील

रेलवे ने आम जनता से अपील की है कि स्पीड ट्रायल और निरीक्षण के दौरान ट्रैक से दूर रहें और रेल पटरियों को पार करते समय विशेष सतर्कता बरतें। यदि कोई दुर्घटना होती है, तो इसके लिए रेलवे प्रशासन जिम्मेदार नहीं होगा।

क्षेत्रीय विकास को मिलेगी रफ्तार

इस रेलखंड के दोहरीकरण से स्थानीय लोगों को बेहतर रेल सेवा का लाभ मिलेगा, जिससे व्यापार, कृषि और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। विशेष रूप से वाल्मीकि टाइगर रिजर्व और नेपाल से आने-जाने वाले यात्रियों को बड़ी सुविधा होगी।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

बेतिया निवासी राकेश गुप्ता कहते हैं, “दोहरीकरण से ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और यात्रा का समय घटेगा। व्यापारियों के लिए भी यह एक बड़ी सुविधा होगी।”

वाल्मीकिनगर के एक होटल व्यवसायी दीपक मिश्रा का कहना है, “रेलवे का विस्तार पर्यटन उद्योग के लिए फायदेमंद साबित होगा। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।”

क्या आगे होगा?

यदि CRS निरीक्षण सफल रहता है, तो इस रेलखंड पर जल्द ही दोहरी ट्रैक पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। यह न सिर्फ यात्रियों के लिए राहत की खबर होगी, बल्कि बिहार के इस हिस्से में रेलवे नेटवर्क को और अधिक मजबूत बनाएगा।

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