
पत्नी और प्रेमी ने मिलकर की थी सौरभ की निर्मम हत्या, शव के किए थे सैकड़ों टुकड़े
तिरहूत न्यूज डेस्क | मुजफ्फरपुर/मेरठ
देश को दहला देने वाले सौरभ राजपूत हत्याकांड में एक बार फिर बड़ी हलचल हुई है। उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी मेरठ को आठ सप्ताह के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। यह निर्देश मुजफ्फरपुर निवासी मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के. झा की याचिका पर जारी किया गया है। आयोग की इस सख्ती के बाद मेरठ प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है।
क्या है पूरा मामला?
3 मार्च 2025 को मेरठ निवासी सौरभ राजपूत की उसकी पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल ने मिलकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को सैकड़ों टुकड़ों में काटकर, उन्हें सीमेंट में मिलाया गया और प्लास्टिक के ड्रम में भरकर छुपा दिया गया था। जब यह वारदात सामने आई, तो पूरे देश में सनसनी फैल गई।
मानवाधिकार आयोग की सख्ती
अधिवक्ता एस.के. झा ने इस जघन्य हत्याकांड को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और उत्तर प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। राज्य आयोग ने सुनवाई के बाद मेरठ के एसएसपी को निर्देशित किया है कि वे पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर आठ सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करें और शिकायतकर्ता को भी सूचित करें।
मानवाधिकार अधिवक्ता की प्रतिक्रिया
एस.के. झा ने कहा,
“यह मामला बेहद हृदयविदारक और निंदनीय है। हमने इसे लेकर आयोग के समक्ष ठोस तर्क और प्रमाण प्रस्तुत किए, जिससे आयोग ने संज्ञान लेते हुए यह कार्रवाई की है। अब हमारी मांग है कि यूपी पुलिस उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच कर पीड़ित को न्याय दिलाए।”
फिलहाल क्या है स्थिति?
मुस्कान और साहिल फिलहाल जेल में बंद हैं और मामला अदालत में विचाराधीन है। मानवाधिकार आयोग की इस कार्रवाई के बाद संभावना है कि जांच को एक नई दिशा मिल सकती है और कई नए खुलासे भी सामने आ सकते हैं।