
मुजफ्फरपुर: महंत दर्शन दास महिला महाविद्यालय में बुधवार को नारी शिक्षा के अग्रदूत महंत दर्शन दास की 131वीं जयंती अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा, समाज सेवा और नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान को श्रद्धांजलि दी गई।
समारोह के मुख्य अतिथि, आईआईटी खड़गपुर के पूर्व प्रोफेसर एवं महंत दर्शन दास के भ्रातृज डॉ. विजय कुमार शर्मा ने कहा, “नारी सशक्तिकरण ही परिवार, समाज और राष्ट्र की मजबूती का आधार है।” उन्होंने बालिका विद्यालय से लेकर महिला महाविद्यालय की स्थापना को महंत दर्शन दास की दूरदर्शिता का प्रतीक बताया।प्राचार्य डॉ. कनुप्रिया ने उन्हें एक ऐसे समाजसेवी के रूप में याद किया, जिन्होंने जीवन भर स्त्री शिक्षा की अलख जगाई। महंत मनियारी मठ के प्रबंधक श्री रमाकांत मिश्र ने कहा कि महंत दर्शन दास निःस्वार्थ सेवा के प्रतीक थे और समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा और स्वास्थ्य पहुंचाने का संकल्प उनके जीवन का लक्ष्य था।
समारोह का स्वागत भाषण डॉ. राकेश रंजन (हिंदी विभागाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी) ने दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिंह ने महंत दर्शन दास को “दानवीर कर्ण” की उपाधि से विभूषित किया था। डॉ. किरण झा (दर्शन शास्त्र विभागाध्यक्ष) ने उन्हें बिहार में महिला शिक्षा का अग्रणी योद्धा बताया।
कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय परिसर में स्थित महंत दर्शन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि से हुई। इसके बाद दीप प्रज्वलन कर समारोह का शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिह्न और शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया।
मंच संचालन डॉ. रिंकु कुमारी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. आशा सिंह यादव ने प्रस्तुत किया। इस प्रेरणादायक आयोजन में महाविद्यालय की छात्राएं, शिक्षकगण, कर्मचारी एवं कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
महंत दर्शन दास की शिक्षाप्रेमी दृष्टि, समाज सेवा और नारी सशक्तिकरण के प्रति समर्पण आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उनकी जयंती पर आयोजित यह समारोह उनके विचारों को जीवंत करने का सशक्त प्रयास रहा।