नोएडा के उद्योगपति ने डीएम से की शिकायत, अहियापुर में पुलिस-भू-माफिया गठजोड़ की जांच शुरू

Tirhut News

मुजफ्फरपुर | तिरहूत न्यूज डेस्क:

उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-22 के उद्योगपति मनोज कुमार द्वारा दी गई शिकायत के बाद मुजफ्फरपुर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने अहियापुर में भू-माफिया और पुलिस के कथित गठजोड़ की जांच के लिए विशेष कमेटी गठित कर दी है। एसडीओ (पूर्वी) अमित कुमार और एसडीपीओ टाउन टू विनीता सिन्हा को तीन दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

मानसिक प्रताड़ना से परेशान उद्योगपति

उद्योगपति मनोज कुमार ने बताया कि वे एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नेतृत्व पद पर कार्यरत हैं और अपनी पत्नी के आईटी स्टार्टअप का विस्तार बिहार में करना चाहते हैं। इस प्रयास से वे राज्य में रोजगार और तकनीकी विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं। लेकिन बैरिया इलाके में पिछले डेढ़ साल से स्थानीय तंत्र के कारण उनका कार्य बाधित है।

उन्होंने दावा किया कि उनके पास सभी वैध दस्तावेज हैं, इसके बावजूद निर्माण कार्य रोक दिया गया और उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह पूरी तरह निराश हो चुके हैं।

क्लियरेंस के बावजूद निर्माण कार्य पर रोक

मनोज कुमार ने बताया कि 17 मार्च को अंचलाधिकारी कांटी ने स्थल निरीक्षण के बाद उन्हें क्लीयरेंस दिया था, जिसमें जमीन पर उनके स्वामित्व को स्पष्ट किया गया था। इसके बावजूद अहियापुर पुलिस ने कार्य रोक दिया। आरोप है कि उन्होंने थानाध्यक्ष के खिलाफ शिकायत की थी और उसी थानाध्यक्ष को जांच सौंप दी गई, जिसके बाद उत्पीड़न और बढ़ गया।

अहियापुर में बढ़ते भूमि विवाद

अहियापुर क्षेत्र में जमीन संबंधी विवाद तेजी से बढ़े हैं। हर शनिवार को औसतन 15 से 20 भूमि विवाद मामलों की सुनवाई होती है। कांटी, बोचहां और मुशहरी अंचलों से घिरे इस इलाके में जमीन पर कब्जा और विवाद सामान्य हो गया है।

प्रॉपर्टी डीलरों और कब्जा दिलाने वाले गैंग की सक्रियता भी इस क्षेत्र में अधिक है। एक ही जमीन पर कई प्रकार के दस्तावेज तैयार कर कब्जा करने की घटनाएं आम हो गई हैं। थाने में ऐसे मामलों पर एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं, लेकिन माफिया गतिविधियों में कमी नहीं आई है।

डीएम ने दिए सख्त निर्देश

डीएम सुब्रत कुमार सेन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया है कि तीन दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपी जाए ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। यह कार्रवाई स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।

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