
तिरहूत न्यूज़ स्पेशल स्टोरी | रिपोर्ट: धीरज ठाकुर
मधुबनी/नई दिल्ली: भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब ज़मीन के नीचे तक पहुंचकर दे दिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और POK (पाक अधिकृत कश्मीर) में घुसकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसमें 90 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया और कई घायल हुए।
इस कार्रवाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस ऐलान से जोड़कर देखा जा रहा है, जो उन्होंने हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी से दिया था। पीएम ने चेतावनी दी थी — “आतंकियों को ऐसी सज़ा मिलेगी जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी।”
मधुबनी से आया था निर्णायक संदेश
24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के मौके पर मधुबनी पहुंचे पीएम मोदी ने पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और दो मिनट का मौन रखा। इसके बाद उन्होंने भावनात्मक और आक्रोश से भरा संदेश दिया:
“देश के दुश्मनों ने भारत की आत्मा पर हमला किया है। अब आतंकियों की बची हुई ज़मीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। 140 करोड़ देशवासी आतंकियों की कमर तोड़ देंगे।”
23 मिनट में खत्म हुआ ‘ऑपरेशन सिंदूर’
भारतीय सेना ने 28 अप्रैल की रात 1:28 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया। महज 23 मिनट में (1:51 बजे तक) यह ऑपरेशन पूरा हो गया।
सेना ने पाकिस्तान और POK में आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह किया। खास बात यह रही कि ऑपरेशन में सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया गया, किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने पर हमला नहीं हुआ।
सेना ने अपने X (पहले ट्विटर) हैंडल पर 1:51 बजे पोस्ट किया:
“न्याय पूरा हुआ। ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा।”
पूरे देश का गुस्सा एक जैसा था
पीएम मोदी ने मधुबनी से अपने भाषण में कहा था:
“पहलगाम में मारे गए लोगों में कोई बंगाली था, कोई मराठी, कोई ओड़िया, कोई बिहारी… पूरे देश का दुख और गुस्सा एक जैसा है। अब चुप नहीं बैठेंगे।”
निष्कर्ष:
‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि बिहार की धरती से निकले राष्ट्रवादी संदेश का जवाब था। मधुबनी की चेतावनी को सेना ने कड़ाई से ज़मीन पर उतारा — और आतंकवाद को उसका जवाब दे दिया।
लेखक:
धीरज ठाकुर, संस्थापक-संपादक, तिरहूत न्यूज़