

मुजफ्फरपुर (बिहार): जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें मुरादपुर दुल्लाह गांव की एक महिला ने थाना प्रभारी अभय रंजन पर छेड़खानी, मारपीट और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का कहना है कि दरोगा द्वारा लंबे समय से उसे प्रताड़ित किया जा रहा था, लेकिन सामाजिक शर्म और डर के कारण वह अब तक चुप रही।
पीड़िता के अनुसार, 19 मई की रात करीब 1:30 बजे, दरोगा अभय रंजन ने जबरन उसके घर में घुसकर दुर्व्यवहार किया और विरोध करने पर उसे बुरी तरह पीटा। महिला ने आरोप लगाया कि दरोगा ने पिस्तौल की नोंक पर उसकी साड़ी खींची और उसकी इज्जत लूटने की कोशिश की। किसी तरह जान बचाकर वह वहां से भाग निकली और एसकेएमसीएच (SKMCH) में इलाज कराया। पीड़िता ने यह भी दावा किया कि घटना के बाद उसके घर से 20 हजार रुपये भी गायब हो गए।
महिला ने घटना की जानकारी मानवाधिकार अधिवक्ता एस. के. झा को दी, जिनके माध्यम से उसने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।
इस संबंध में अधिवक्ता एस. के. झा ने कहा, “यह मामला रक्षक के भक्षक बनने का है। जब सुरक्षा देने वाली पुलिस ही अपराध करने लगे, तो आम जनता कहाँ जाए? यह मानवाधिकार उल्लंघन का अति गंभीर मामला है और हम आयोग से निष्पक्ष व कठोर कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।”
फिलहाल पीड़िता डरी हुई है और प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रही है। वहीं, अब देखना है कि इस गंभीर आरोप पर पुलिस प्रशासन और मानवाधिकार आयोग की अगली कार्रवाई क्या होती है।