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25 जून से बिहार में कांग्रेस का महा आंदोलन: “नौकरी दो या सत्ता छोड़ो”
रिपोर्ट: धीरज ठाकुर
पटना, 10 जून।
बिहार कांग्रेस ने 25 जून से राज्यभर में एक जोरदार आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है। “नौकरी दो या सत्ता छोड़ो” के नारे के साथ यह अभियान प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ चलाया जाएगा। पार्टी का कहना है कि नीतीश सरकार युवाओं को रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही है।
बिहार में एक बार फिर से सियासत की सड़कों पर गर्मी बढ़ने वाली है। कांग्रेस ने प्रदेश के युवाओं को लेकर एक बड़ा एलान किया है—“अब नहीं सहेंगे बेरोजगारी, मांगेंगे हक़—नौकरी दो या सत्ता छोड़ो।” इस नारे के साथ पार्टी 25 जून से राज्यभर में एक संगठित और आक्रोशपूर्ण आंदोलन छेड़ने जा रही है। यह कोई आम प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक राज्यव्यापी अभियान होगा जो बिहार की सत्ता के दरवाज़े हिला सकता है।
कब और क्यों शुरू हो रहा आंदोलन?
कांग्रेस का यह अभियान उस वक्त सामने आया है जब बिहार में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है। BPSC परीक्षा, शिक्षकों की बहाली, पुलिस भर्ती, जैसे मुद्दे अभी भी अधर में हैं। युवाओं में नाराज़गी है, और कांग्रेस इसे एक राजनीतिक अवसर में बदलना चाहती है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस से क्या निकला?
10 जून को पटना के सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इस आंदोलन की घोषणा की। उन्होंने कहा:
“राज्य सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। नौकरी देने का वादा सिर्फ चुनावी जुमला था। अब कांग्रेस युवाओं के साथ सड़कों पर उतरेगी। अगर सरकार रोजगार नहीं दे सकती तो सत्ता छोड़ दे।”
25 जून की रणनीति: क्या-क्या होगा?
• प्रत्येक जिले में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन
• रोजगार माँगों से संबंधित ज्ञापन सौंपे जाएंगे
• युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कॉलेजों में जनजागरण अभियान
• सोशल मीडिया पर हैशटैग कैंपेन #NaukariDoYaSattaChhodo
• महिला कांग्रेस, NSUI, युवा कांग्रेस सहित सभी विंग सक्रिय भागीदारी करेंगे।
राजनीतिक मायने: लोकसभा 2029 की तैयारी?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस इस आंदोलन के ज़रिए बिहार में अपनी ज़मीन फिर से तलाशना चाहती है। बेरोजगारी एक भावनात्मक मुद्दा है और अगर कांग्रेस इसे सही तरीके से जनांदोलन में बदल पाई, तो वह आने वाले चुनावों में कुछ बड़ा हासिल कर सकती है।
जनता का मिज़ाज क्या कहता है?
तिरहूत न्यूज़ ग्राउंड टीम की पड़ताल में सामने आया कि युवाओं में गहरी नाराज़गी है:
• “हर साल परीक्षा, फिर पेपर लीक या कोर्ट केस… हम कब तक तैयारी करते रहेंगे?” — रोहित, प्रतियोगी छात्र, मुजफ्फरपुर
• “सरकारी नौकरी अब सपना बन चुकी है।” — नेहा, बीएड प्रशिक्षु, सीतामढ़ी
• “अगर आंदोलन सही दिशा में गया तो हम भी शामिल होंगे।” — रवि, ग्रेजुएट बेरोज़गार, दरभंगा
• सदाकत आश्रम से प्रेस कांफ्रेंस की तस्वीर
• पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी में युवाओं के बाइट
बिहार कांग्रेस 25 जून से चलाएगी बड़ा आंदोलन – “नौकरी दो या सत्ता छोड़ो” का नारा।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा – सरकार रोजगार देने में नाकाम, अब जनता की बारी।
अगर आप चाहें तो इसके लिए
बिहार की राजनीति में बेरोजगारी को केंद्र में रखकर उठाया गया यह कदम बड़ा असर डाल सकता है। 25 जून का दिन सिर्फ आंदोलन की शुरुआत नहीं, बल्कि शायद एक नई राजनीतिक चेतना की दस्तक भी हो सकती है। तिरहूत न्यूज़ इस पर लगातार अपडेट देता रहेगा।