

मढ़ौरा रेल इंजन फैक्ट्री से गिनी को निर्यात: PM मोदी ने किया वर्चुअली उद्घाटन, 3000 करोड़ की डील
बिहार के सारण जिले के मढ़ौरा स्थित रेल इंजन फैक्ट्री ने औद्योगिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से इस संयंत्र से पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी को भेजे जाने वाले पहले इंजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर कुल 9518 करोड़ रुपये की 28 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया।
🔷 मुख्य बिंदु
• मढ़ौरा रेल इंजन फैक्ट्री से 140 लोकोमोटिव इंजनों की डील फाइनल — अनुमानित कीमत: 3000 करोड़ रुपए
• यह फैक्ट्री 2018 में स्थापित हुई थी, अब तक 729 डीजल इंजन तैयार कर चुकी है
• इनमें 545 इंजन 4500 एचपी और 184 इंजन 6000 एचपी की क्षमता के हैं
• अब यह संयंत्र भारत को वैश्विक लोकोमोटिव मेन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित कर रहा है
• गिनी सरकार के तीन मंत्रियों ने 26 मई को किया था संयंत्र का दौरा
• PM मोदी के मेक इन इंडिया विजन को साकार करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि
• हालांकि असेंबलिंग मढ़ौरा में होती है, फिर भी इंजन पर लिखा होता है “Made in Gandhi Dham (Gujarat)” और “Rosa (UP)”, “Made in Madhora” नहीं
• इस इंजन को चलाने वाले थे: लोको पायलट दिलीप कुमार और सहायक लोको पायलट श्वेता कुमारी
• मौके पर मौजूद थे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी: वीपी सिंह, पंकज शर्मा, संजय सिंघल, संदीप सालोट, अजय सिंह
• प्रधानमंत्री ने दो नई ट्रेनों का उद्घाटन भी किया
मढ़ौरा क्षेत्र कभी बिहार का “मैनचेस्टर” कहलाता था। चार-चार फैक्ट्रियों के चलते यहाँ 24 घंटे चिमनियाँ धुआँ छोड़ती थीं। लेकिन वक्त बदला, फैक्ट्रियाँ बंद हो गईं और कस्बा वीरान हो गया। अब वर्षों बाद यह इलाका फिर से औद्योगिक रूप में उभर रहा है।
मढ़ौरा से अफ्रीकी देशों को रेल इंजन का निर्यात न केवल भारत के तकनीकी और औद्योगिक शक्ति का प्रतीक है, बल्कि बिहार के लिए गर्व का विषय भी है। मढ़ौरा की चिमनियों में अब फिर से जान आ रही है — एक नई पहचान के साथ।
📰 रिपोर्ट: पंकज श्रीवास्तव, छपरा
📍 प्रकाशित: तिरहूत न्यूज़ | www.tirhutnews.com